थायराइड (Thyroid)     जागरूकता

थायरॉयड (Thyroid) एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो हमारे शरीर में हार्मोनों का उत्पादन करती है। यह ग्रंथि गले (गर्दन) के सामने स्थित होती है इसका आकार एक तितली जैसा होता है। थायरॉयड हार्मोन, जैसे कि T3 और T4, शरीर के मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा स्तर, और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

थायराइड मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं। 1. हाइपोथायरायडिज्म: हार्मोन कम मात्रा में बनता है। 2. हाइपरथायरायडिज्म: हार्मोन अधिक मात्रा में बनता है।

हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण : I वजन कम होना I सामान्य से अधिक भोजन करना I अनियमित दिल की धड़कन I घबराहट महसूस होना I नींद न आना I हाथों और उंगलियों में कंपन I मांसपेशियों में कमजोरी I

हाइपोथायरायडिज्म होने के कारण : 1.थायरायड ग्रंथि की सूजन 2. जब शरीर की कोशिकाएं थायराइड ग्रंथि पर हमला करती हैं । 3. महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद ये स्थिति पैदा होती है, जो कि अस्थायी है। 4. आयोडीन की कमी के कारण

हाइपरथायरायडिज्म के कारण 1. थायराइड ग्रंथि के नोड्यूल्स अधिक सक्रिय हो जाते हैं 2. शरीर में अधिक मात्रा में आयोडीन पहुंचता है । 3. थायराइड ग्रंथि की सूजन हाइपरथायरायडिज्म का कारण बन सक`ती है।

थायराइड के जोखिम कारक: थायराइड का खतरा किसी भी उम्र में हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति के परिवार में थायराइड का कोई रोगी है तो उस व्यक्ति को भी थायराइड का जोखिम हो सकता है। टाइप वन डायबिटीज की समस्या वाले लोगों को भी थायराइड की बीमारी की अधिक संभावना रहती है।जो लोग आयोडीन की उच्च मात्रा वाली दवा लेते हैं उनमें भी थायराइड की संभावना अधिक रहती है

थायराइड की रोकथाम: धूम्रपान और शराब का सेवन बंद कर दे I क्रूस वाली सब्जियां जैसे फूलगोभी, ब्रोकली आदि खाने से बचें I  सोया के सेवन से बचना चाहिए। खाने में आयोडीन की सीमित मात्रा का सेवन जरूर करना चाहिए।

थायराइड की बीमारी से पूरी तरह से बचाव संभव नहीं है लेकिन प्राथमिक बचाव बहुत जरूरी है। अगर थायराइड के लक्षण नजर आते हैं, तो बिना देरी किए विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।